Engineer kaise bante hain – इंजीनियर कैसे बनते हैं

Last updated on November 7th, 2023 at 09:28 pm

साथियों अगर आप जानना चाहते हैं कि Engineer kaise bante hain तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़िए जिससे आपको पूरी जानकारी मिले।

साथियों जो स्टूडेंट भविष्य में इंजीनियर बनना चाहते हैं या इंजीनियर बनने की सोच रहे हैं तो यह आर्टिकल उनके लिए बहुत उपयोगी है

क्योंकि साथियों दसवीं पास करने के बाद स्टूडेंट के मन में कन्फ्यूजन तब create होता है। जब स्टूडेंट से कक्षा में अध्यापक पूछते हैं .
कि बताओ तीन विषय में किस स्ट्रीम का चुनाव करना है यानी कि तुम्हें किस सब्जेक्ट से पढ़ना है। जैसे- साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स कौन सी स्ट्रीम से पढ़ना है।

ऐसी स्थिति में छात्र अच्छे से यह नहीं समझ पाते है कि किस स्ट्रीम को लेने से हम आगे क्या बन सकते हैं? और कुछ स्टूडेंट उस समय गलत निर्णय ले लेते हैं और

उस समय लिया गया गलत फैसला आपके पूरे कैरियर को खराब कर सकता है तो इसलिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक जरूर पढ़िए, ताकि आपका डाउट दूर हो सके और आपको सही जानकारी मिल सके।

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Engineer ka kya kaam hota Hai

चीजों को डिजाइन करने या बनाने के लिए जिस विज्ञान और गणित का उपयोग करते हैं उसे इंजीनियरिंग कहते हैं.
और जो भी व्यक्ति किसी चीज का आविष्कार करें और उसका डिजाइन बनाएं या अलग-अलग वस्तु का आविष्कार करके सफलता प्राप्त कर लें तो उसे इंजीनियर कहा जाता है।


और कुछ इंजीनियर तकनीकी समस्याओं को हल करने के लिए भी अपने कौशल का भी उपयोग करते हैं।
इस प्रकार एक इंजीनियर का मुख्य काम होता है अपने फील्ड या ब्रांच से जुड़ी नई चीजों का आविष्कार या डिजाइन करना।
जैसे कि –

केमिकल इंजीनियर Chemical Engineer

एक केमिकल इंजीनियर का काम लैब में विभिन्न तरह के रसायनों और अन्य पदार्थों का परीक्षण करना होता है। जिससे विभिन्न प्रकार के तेल, क्रीम, दवाइयां आदि तैयार की जाती है।

सिविल इंजीनियर Civil Engineer-

विभिन्न प्रकार के भवनों, इमारतों, सड़क, पुल आदि के निर्माण का कार्य एक सिविल इंजीनियर का होता है जो उसका डिज़ाइन, निर्माण सामग्री आदि तय करता है।

इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर Electrical and Electronics Engineer

बिजली से चलने वाले उपकरणों और मशीनों के परिपथों के कनेक्शन करना और उनकी फिटिंग करना, मशीनों की वाइंडिंग करना, उनका डिज़ाइन निश्चित करना आदि काम के लिए इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की जरूरत होती है।

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Engineer kaise bante hain – इंजीनियर कैसे बनते हैं

इंजीनियर बनने के लिए अभ्यर्थी को कम से कम 3 साल का डिप्लोमा कोर्स या डिग्री प्राप्त करना जरुरी होता है।

जो भी कैंडिडेट इंजीनियर बनना चाहते हैं उन्हें इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी होती है।

अब बात करते हैं कि इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं।

वैसे तो भारत में और भारत के बाहर भी इंजीनियरिंग के बहुत से अलग-अलग प्रकार होते हैं लेकिन यहां लोग कुछ ही क्षेत्र में ही अपना कैरियर बनाने की सोचते हैं क्योंकि या तो उन्हें अच्छी तरह से जानकारी नहीं होती है या उनकी रूचि नहीं होती है।

लेकिन अगर आप इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि Engineer kaise bante hain (इंजीनियर कैसे बने) कितने प्रकार के इंजीनियर होते हैं कौन-कौन से इंजीनियर होते हैं?
ताकि इंजीनियरिंग की फील्ड में आप अपना करियर बना सके।

पॉलिटेक्निक करने के फायदे

इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं?

Electrical Engineer(इलेक्ट्रिकल इंजीनियर)
Chemical Engineer (केमिकल इंजीनियर)
Aerospace Engineer (एरोस्पेस इंजीनियर)
Biomedical Engineer (बायोमेडिकल इंजीनियर)

Civil Engineer (सिविल इंजीनियर)
Computer Engineer/सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर इंजीनियर
Automobile Engineer (ऑटोमोबाइल इंजीनियर)

Mechanical Engineer (मैकेनिकल इंजीनियर)
Electronic Engineer (इलेक्ट्रानिक इंजीनियर)
Environmental Engineer (एनवायरमेंटल इंजीनियर)
Agricultural Engineer(एग्रीकल्चरल इंजीनियर)

Petroleum Engineer (पैट्रोलियम इंजीनियर)

Construction Engineer(कंस्ट्रक्शन इंजीनियर)

Marine Engineer (मरीन इंजीनियर)

Industrial Engineer (इंडस्ट्रियल इंजीनियर)

Nuclear Engineer (न्यूक्लियर इंजीनियर)

Design Engineer (डिजाइन इंजीनियर)

इंजीनियर बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है

दसवीं पास करने के बाद 11th में जब भी स्ट्रीम का चयन करें।
तो आप Science स्ट्रीम का ही चुनाव करें।

क्योंकि अगर आपको फ्यूचर में इंजीनियर बनना है या इंजीनियर कोर्स करना है। तो 11th, 12th साइंस स्ट्रीम से कंप्लीट होना चाहिए

Engineer kaise bante hain तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़िए जिससे आपको पूरी जानकारी मिले।

और अगर आप किसी दूसरे कोर्स से पढ़ाई कर रहे हैं तो आप इंजीनियरिंग कोर्स नहीं कर सकते
साथियों अब यहां पर एक और सवाल उठता है कि जब साइंस स्ट्रीम में Teacher कहते हैं कि PCM यानी की (फिजिक्स केमेस्ट्री मैथमेटिक्स) लोगे या PCB (फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी) लोगे।
तो स्टूडेंट के मन में और भी कई तरह के प्रश्न उठते हैं। जैसे ये PCM क्या है? PCB क्या है?

क्योंकि दोस्तों 11th 12th में साइंस को और दो भागों में बांटा गया है PCB फिजिक्स केमेस्ट्री बायोलॉजी तो जो भी स्टूडेंट इंजीनियर बनना चाहते हैं,

तो वह PCM अर्थात physics, chemistry, mathematics को लेना है.
और जो स्टूडेंट डॉक्टर बनना चाहते हैं।

तो उन्हे PCB (फिजिक्स केमेस्ट्री बायोलॉजी) का चयन करना है.
और इंजीनियर बनने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है की

आपने कक्षा 12 वीं , में साइंस स्ट्रीम लिया हो और साइंस स्ट्रीम में मैथमेटिक्स से पढ़ाई की हो क्योंकि साइंस स्ट्रीम के छात्र ही इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं।

इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं ? और योग्यता क्या होनी चाहिए?

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इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं?

तो साथियों हम आपको बता दे कि इंजीनियर दो प्रकार के होते हैं

J.E. (Junior Engineer,)
S.E. (Senior Engineer)

जैसा कि आपने जाना इंजीनियर दो प्रकार के होते हैं एक तो जूनियर इंजीनियर और दूसरे सीनियर इंजीनियर और अगर आपको Junior Engineer, बनने के लिए कोई कोर्स करना है तो आपके लिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स सबसे अच्छा रहेगा।


वही दूसरी ओर बात करें सीनियर इंजीनियर की तो अगर है तो आपको Senior Engineer बनना है तो आपके लिए B.Tech (बी. टेक) सबसे बेस्ट कोर्स है।

और वही अगर बात की जाय क्वालिफिकेशन की, तो यदि आप जूनियर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो 10th योग्यता आपके लिए पर्याप्त है यानी कि 10 वीं पास करके भी आप पॉलिटेक्निक कोर्स कर सकते हैं।

और वही यदि सीनियर इंजीनियर बनना है तो इस स्थिति में आपको 12वीं पास साइंस स्ट्रीम PCM से करना होगा।
उसके बाद आप भी बी. टेक के Entrance Exam को क्लियर करके किसी भी अच्छे बीटेक कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं।
और अपनी इंजीनियरिंग कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं। और आगे चलकर भविष्य में एक अच्छे इंजीनियर बन सकते हैं।

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भारत में इंजीनियरिंग कोर्स / पढ़ाई

तो आइए साथियों बात करते इंजीनियरिंग कोर्सेज के बारे में यानी कि वे कौन-कौन से कोर्स हैं जिन्हें करने के बाद आप एक इंजीनियर बन सकते हैं –

तो दोस्तों हम आपको बता दें कि इंजीनियरिंग कोर्स दो तरीके के होते हैं –

• 1- Diploma in Engineering
• 2- Degree in Engineering

Diploma in Engineering (Polytechnic) Courses –

1 डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग
2 डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग
3 डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
4 डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
5 डिप्लोमा इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
6 डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग एंड अदर डिप्लोमा कोर्सेज

7 डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग को पॉलिटेक्निक भी कहते हैं। जिसकी अवधि 3 वर्ष की होती है।

Degree in Engineering Courses

1 – B.Tech (बैचलर आफ टेक्नोलॉजी) – 4 Years

2- B.E. (बैचलर आफ इंजीनियरिंग) – 4 Years

इंजीनियर बनने में कितने साल लगते हैं?

साथियों अगर आप इंजीनियर बनने के लिए Diploma in Engineering का कोर्स

चुनते हैं तो इसके लिए 3 साल पढ़ाई करनी होगी। और

Diploma in Engineering की पढ़ाई करने के लिए कम से कम कक्षा 10 वीं पास होना अनिवार्य है।

कक्षा 12वीं के बाद भी डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग का कोर्स किया जा सकता है लेकिन इसके लिए कक्षा 12वीं में साइंस स्ट्रीम में Mathematics group होना अनिवार्य है।

आइए साथियों अब बात करते हैं डिग्री कोर्स के बारे में ,
B.Tech (बैचलर आफ टेक्नोलॉजी) एक अंडरग्रैजुएट कोर्स है।
और अगर आप B.Tech कोर्स चुनते हैं तो इसकी पढ़ाई करने में 4 साल लगेंगे।

B.E. (बैचलर आफ इंजीनियरिंग) एक अंडरग्रैजुएट कोर्स है

जिसकी ड्यूरेशन 4 साल की है जिसे करने के बाद आप एक इंजीनियर बन सकते हैं।

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इंजीनियर कैसे बने

जिस व्यक्ति ने ट्वेल्थ में Science stream में Mathematics group से पढ़ाई की हो

वह B.E या B.Tech की पढ़ाई करने के लिए एलिजिबल हैं। इस तरह मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करके भविष्य में आप एक अच्छे इंजीनियर बन सकते हैं और लाखों रुपए कमा सकते हैं।

तो दोस्तों यह तो एक सामान्य बात है जब कोई भी कैंडिडेट इंजीनियर,

डॉक्टर, ऑफिसर, या पुलिस बन जाता है तो उसके मन में यह सवाल जरूर उठता है कि सैलरी कितनी होगी
तो आइए यहां पर एक अनुमानित सरकारी सैलरी की बात करते हैं

Engineer ki salary kitni hoti hai ये समझने के लिए आपको यह भी समझना होगा कि इंजीनियर की सैलरी किन कारकों पर निर्भर करती है-

इंजीनियर की सैलरी

इंजीनियर की सैलरी इस चीज पर निर्भर करती है कि आपने इंजीनियरिंग किस कॉलेज से की है,

आपकी स्किल्स और नॉलेज तथा आपको किस कंपनी में जॉब मिला है? तो ये कारक हैं जिनके आधार पर आपको सैलरी मिलती है।

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इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद शुरुआती सैलरी लगभग 10 से 15 हजार रूपए प्रति माह तक की होती है। एक्सपीरियंस बढ़ने के बाद सैलरी बढ़ती है।

अगर आप किसी सामान्य इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक/बीई कंप्लीट करते हैं

तो शुरुआती सैलरी लगभग 10 से 25 हजार रूपए प्रतिमाह की हो सकती हैं

तथा 2 से 3 साल का वर्क एक्सपीरियंस होने के बाद सैलरी 35 से 40 हजार रूपए प्रतिमाह भी हो सकती है। एक्सपीरियंस बढ़ने के बाद सैलरी और भी बढ़ सकती हैं।

साथियों अगर आप किसी ठीक-ठाक कॉलेज से बीटेक या बीटेक- एमटेक करते हैं

तो आपको 30,31,35,45,50,51 लाख तक का सैलरी पैकेज मिल सकता है इंडियन कंपनी में या इंडिया के बाहर कंपनियों में।

आईआईटी (IIT) जैसे टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों से B.Tech M.Tech सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के बाद 10 लाख से 1.5 करोड़ रुपए तक का सैलरी पैकेज मिलता है। दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा कि सैलरी पैकेज का मतलब साल भर में मिलने वाली सैलरी और भत्तों से है।

सरकारी इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है?

सरकारी (Government) इंजीनियर की सैलरी 35,400 रूपये से 1,12,400 रूपये प्रतिमाह होती है. सिविल/मैकेनिकल/ इलेक्ट्रिकल सभी ब्रांच की इंजीनियर की सैलरी अलग-अलग होती है

समय-समय पर सरकारी इंजीनियर का वेतन बढ़ता रहता है.

प्राइवेट इंजीनियर को सैलरी कितनी मिलती है?

वहीं अगर बात करें प्राइवेट सिविल इंजीनियर की सैलरी की तो बिल्कुल शुरुआत में एक सिविल इंजीनियर की महीने की तनख्वाह ₹20000 लेकर ₹30000 तक के बीच रहती है,

और जैसे-जैसे अपने काम के इस क्षेत्र में इन्हें अनुभव मिलता जाता है, वैसे-वैसे उनकी सैलरी भी बढ़ती रहती है।

साथियों इंजीनियर कई प्रकार के होते हैं।

आप जिस ब्रांच में पढ़ाई करते हैं उस हिसाब से इंजीनियर कहलाते हैं जैसे कि

अगर आपने सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री या डिप्लोमा किया है तो

आप सिविल इंजीनियर कहलाएंगे इसी तरह अगर आपने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स किया है तो आप मैकेनिकल इंजीनियर कहलाएंगे।

Conclusion – Engineer kaise bante hain

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने जाना है कि Engineer kaise bante hain

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इसके अलावा अगर आप किसी अन्य टॉपिक पर आर्टिकल पढ़ना चाहते हैं

तो भी कमेंट सेक्शन में मेंशन कर दीजिए हम उस टॉपिक पर आर्टिकल लिखने का जल्द से जल्द प्रयास करेंगे।

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