Last updated on November 9th, 2023 at 11:15 pm
अगर आप “ Jahan na pahunche ravi wahan pahunche kavi essay ” इस टॉपिक पर निबंध कैसे लिखा जाता है यह जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़िए।
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जहां न पहुंचे रवि ,वहां पहुंचे कवि – Jahan na pahunche ravi wahan pahunche kavi essay
भूमिका
जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि उपयुक्त सूक्ति को हम आम बोलचाल की भाषा में सुनते रहते हैं।
इस सूक्ति का अर्थ यह है- रवि का अर्थ सूर्य से है और जहां सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पाती अर्थात् जिस स्थान पर सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता वहां कवि की कल्पना पहुंचती है ,
कवि अपनी प्रतिभा को कवि सम्मेलन में दिखाते हैं और अधिकतर कवि सम्मेलन रात्रि के समय ही होते हैं।
रात्रि ( निशा ) और कवि का चौली दामन का साथ माना गया है, पूरा विश्व दिन के समय ही कार्य करना पसन्द करता है, किन्तु कवि अपनी कल्पना को अधिकतर रात्रि में चरितार्थ करता है।
कवि भी कई प्रकार के होते हैं- हास्य कवि,वीर रस कवि, श्रृंगार रस कवि आदि। प्रत्येक वर्ग की रूचि को देखकर कवि नाना प्रकार की रचनाएं करते हैं और इन सभी का उद्देश्य केवल लोक कल्याण ही है।
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कवियों द्वारा किए गए लोक कल्याण के कार्य
कवि को ईश्वर व देवताओं के स्वरूप ही माना जाता है
धर्म की स्थापना के लिए विद्वानों का कथन है –
कवि भी ‘धर्म संस्थापनार्थय’ उत्पन्न होते हैं उनका भी कार्य केवल तुक मिलाना या पावस पचासा लिखना ही नहीं है जैसे कि तुलसीदास ने कवि होकर वैष्णो धर्म की स्थापना की है ज्ञान के पंथ की कृपाण धार बताया है।
उसी प्रकार का कार्य ,दूसरे रूप में सूरदास ,कबीर और मीरा ने किया है।
हरिश्चंद्र ने शूरता, स्वदेश- भक्ति और सत्य, प्रेम का धर्म चलाया है।
श्रीरामचरित्र मानस व भगवत गीता के कवित्त भाग द्वारा भी लोक मंगल की कामना को दर्शाया गया है
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कविता और कवियों का उद्देश्य
कविता और कवियों का मुख्य उद्देश्य
वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कविता द्वारा पाठकों के समक्ष रखना या उजागर करना ।
प्रत्येक काल के कवि ने यही कार्य किया है।
जैसे भूषण के समान कवियों ने अपनी कविताओं में राजनीतिक आंदोलन को उपस्थित कर दिया है।
कविता का उद्देश्य पाठकों को आनंद प्राप्त कराना भी है।
कवियों की मनोहर भाषा पाठकों को आनंद प्रदान करती है।
कविता लिखते समय जो -जो भाव कवि के हृदय में उदित होते हैं,
वही भाव पढ़ने वाले के हृदय में भी उत्पन्न हो इसके लिए कवि काव्य की भाषा शैली का विशेष ध्यान रखते हैं।
कविता का उद्देश्य यह भी है कि पाठकों को काव्य द्वारा
सामाजिक राजनैतिक और धार्मिक विषयों की मनोहर शिक्षा दें तथा जब जो विषय अवलोकन में आए तभी उस पर अपनी स्वाभाविक शक्ति से काव्य लिखकर लोगों को परोक्ष रूप से सचेत करें ।
उपसंहार
In Conclusion कविता विचार प्रकट करने का लोकप्रिय साधन है।
सूर्य की किरणों से भी तीव्र कवि के हृदय के भाव पाठकों और श्रोताओं के अंतर्मन में उतर जाते हैं कवि महत्वपूर्ण बात को सरलता से लोगों की चित्तवृत्ति ( मन के भावों) तक पहुंचा देता है।
सूर्य जिस प्रकार सभी को समान रूप से रोशनी (प्रकाश) देता है
ठीक उसी प्रकार से कविता भी सबको समान ज्ञान देने का प्रयास करती है ।
कवि का कल्पना क्षेत्र सूर्य की किरणों से भी अधिक व्यापक माना जाता है।
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