Van Mahotsav Essay in hindi – वन महोत्सव निबंध

Last updated on November 4th, 2023 at 05:53 pm

Van Mahotsav Essay in hindi

प्रस्तावना –

भारत में निरंतर वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण हमारे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। और आज के समय में जितने भी पेड़ काटे जा रहे हैं उसमें से आधे भी नहीं लगाए जा रहे हैं।

पेड़ों के कटान की वजह से, वनों को बचाने के लिए सरकार द्वारा जुलाई माह में वन महोत्सव का आयोजन किया गया था।

इसको वन महोत्सव इसलिए नाम दिया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पेड़ लगाएं और एक दूसरे को पेड़ के लाभ भी बताएं।

तो साथियों अगर आप Van Mahotsav Essay in hindi के बारे जानना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल Van Mahotsav Essay in hindi को लास्ट तक जरूर पढ़िए।

Van Mahotsav Essay in hindi – वन महोत्सव निबंध हिंदी में

Van Mahotsav Essay in hindi वन महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है कि सभी जगह पेड़ – पौधे लगाए जाएं और वनों के सिकुड़ते क्षेत्र को बचाया जाए।

वन महोत्सव सप्ताह में हमारे पूरे देश में लाखों पेड़ लगाए जाते हैं।

लेकिन दुर्भाग्यवश इनमें से कुछ प्रतिशत ही पेड़ बच पाते हैं।

क्योंकि इनकी देखभाल ठीक प्रकार से नहीं हो पाती है।

कारण यह है कि या तो जीव जंतुओं द्वारा खा लिए जाते हैं, या फिर पानी ना मिलने का कारण नष्ट हो जाते हैं।

हमारे देश में वनों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन बहुत महत्वपूर्ण है,

चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा हैं, चिपको आंदोलन के कारण ही वन क्षेत्रों की कटाई में थोड़ी सी कमी आई है।

वन महोत्सव की क्याआवश्यकता है?

पेड़ों की कटाई के कारण पृथ्वी का वातावरण बहुत ही दूषित होने लगा है

जिसके फलस्वरूप आपने देखा होगा कि हिमालय तेजी से निकल रहा है और पृथ्वी का तापमान फिर से बढ़ने लगा है।

असमय वर्षा होती है कहीं पर बाढ़ आ जाती है, तो कहीं पर आंधी तूफान आ रहे हैं।

जो की प्रकृति की साफ चेतावनी है कि अगर हम अभी भी सचेत नहीं हुए

तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी का विनाश हो जाएगा।

भारत में जितनी तेजी से औद्योगिकरण हुआ है उतनी ही तेजी से वनों की कटाई भी हुई है,

लेकिन हम लोग जितनी तेजी से वनों की कटाई कर रहे हैं

लेकिन उस से आधे भी पेड़ – पौधे नहीं लगा रहे हैं. वन नीति 1988 के अनुसार धरती के कुल क्षेत्रफल के 33% हिस्से पर पेड़ – पौधे होने चाहिए तभी प्रकृति का संतुलन कायम रहेगा।

प्रदूषण

जबकि 2001 की रिपोर्ट में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए

जिसके अनुसार भारत में केवल 20% ही वन बचे रह गए हैं।

पिछले वर्षों की तुलना में 2017 की वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वनों की संख्या में 1% की वृद्धि हुई है।

लेकिन यह वृद्धि दर अधिक नहीं है, क्योंकि जनसंख्या निरंतर लगातार बढ़ रही है

और साथ ही प्रदूषण भी तेज गति से बढ़ रहा है। इस प्रदूषण को घटाने के लिए हमारे वन अभी बहुत कम है। और हमारे ही देश के कुछ राज्य में तो बहुत ही ज्यादा वन है

जैसे- कि अंडमान निकोबार दीप समूह, मिजोरम, लक्षद्वीप का लगभग 80% हिस्सा वनों से ढका हुआ है।

लेकिन हमारे ही देश में कुछ ऐसे भी राज्य हैं

जो कि धीरे-धीरे रेगिस्तान बनते जा रहे हैं जैसे – कि गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि ऐसे राज्य हैं,

उन क्षेत्रों में वन क्षेत्र बढ़ाने की सख्त जरूरत है,

नहीं तो आने वाले समय में यहां पर भयंकर अकाल की स्थिति भी देखने को मिल सकती है।

वनों की कटाई के कारण

“हमारे देश में बढ़ती हुई जनसंख्या वनों की कटाई का मुख्य कारण है”।

क्योंकि जैसे – जैसे जनसंख्या बढ़ती जा रही है तो उस जनसंख्या के निवास- स्थान और खाने-पीने की वस्तुओं की जरूरतें भी बढ़ गई है इसलिए वनों की कटाई करके इन सब की पूर्ति की जा रही है।

भारत में आजकल कई ऐसे अवैध उद्योग धंधे हो रहे हैं

जिनमें लकड़ी का उपयोग ज्यादा मात्रा में किया जा रहा है।

जिससे अन्य लोग सरकार की बिना अनुमति के वनों से पेड़ों की कटाई करते हैं।

और अधिक मूल्य में लकड़िया लोगों से बेचते हैं।

मानव अपनी सुख-सुविधाओं की वस्तु की इच्छा को पूरा करने के लिए बेवजह पेड़ों की कटाई करता है।

वनों से हमें क्या लाभ है?

वनों से सबसे बड़ा लाभ तो यह है – कि हमें पेड़ पौधों से ऑक्सीजन मिलती है.

जो कि हर एक प्राणी के लिए बहुत आवश्यक है। और पेड़ – पौधे कार्बन डाइऑक्साइड जैसी विषैली गैसअवशोषित कर लेते हैं।

वनों से हमें कीमती चंदन जैसी लकड़ियां प्राप्त होती हैं,

बीमारियों को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियां भी मिलती हैं,

पेड़ पौधों के कारण ही अच्छी वर्षा होती है

जिससे हमारी फसलें हरी – भरी रहती हैं और साथ ही धरती पर हरियाली भी बनी रहती है।

पेड़ पौधों के कारण ही हमारी पृथ्वी के वातावरण में समानता बनी रहती है

मिट्टी का कटाव नहीं होता है, आपदा,सूखे की स्थिति, आंधी, तूफान और बाढ़ कम आती है।

पशुओं का चारा भी पेड़ पौधों से ही प्राप्त होता है,

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वनों से हमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अनेक लाभ होते हैं।

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वनों से होने वाली हानियां

आइए जानते हैं वनों की कटाई के कारण क्या – क्या दुष्परिणाम होते हैं –

तो हम आपको बता दें कि वनों की कटाई के कारण

केवल मानव जाति पर ही प्रभाव नहीं पड़ता है इसका प्रभाव संपूर्ण पृथ्वी पर पड़ता है।
जैसे – जैसे वन क्षेत्र सीमित होता जा रहा है.

वैसे – वैसे पृथ्वी के तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है और

आपने देखा होगा कि सर्दियों के ऋतु का मौसम कुछ समय के लिए ही आता है।

और अधिकतर समय गर्मियां ही रहती हैं

पिछले 10 सालों में पृथ्वी के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। और हर साल बढ़ोतरी ही हो रही है।

प्रदूषण का बढ़ना –

पेड़ – पौधे उद्योग – धंधों पदार्थों एवं अन्य पदार्थों से निकलने वाली जहरीली गैसों को अवशोषित कर लेते हैं अगर इनकी कटाई कर दी जाएगी

तो जहरीली गैसें वातावरण में ज्यों की त्यों ही रहेंगी,

जिनके कारण अनेक भयंकर बीमारियां जन्म लेंगी

यदि इसी प्रकार वनों की कटाई निरंतर बढ़ती जाएगी

तो हम सभी को सांस लेने में दिक्कत होगी क्योंकि पेड़ों द्वारा ही ऑक्सीजन गैस सभी लोग ग्रहण करते हैं।

अकाल –

वनों की कटाई के कारण सूखे की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है।

क्योंकि पेड़ों से ही अधिक वर्षा होती है अगर पृथ्वी पर पेड़ ही नहीं रहेंगे तो वर्षा भी नहीं होगी।

जिसके कारण अकाल की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।

वन्य जीव जंतुओं का विलुप्त होना –

बढ़ती हुई आबादी के कारण वन क्षेत्र सीमित हो गए हैं।

जिसके कारण वनों में रहने वाले जीवो को बहुत कम जगह मिल रही है।

वनों की कटाई के कारण कई जीव – जंतुओं की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है।

और अगर ऐसे ही वनों कटाई होती रही तो जल्द ही सभी वन्य जीवों की प्रजातियां भी विलुप्त हो जाएंगी।

उप संहार Van Mahotsav Essay in hindi

वन क्षेत्र को बचाने के लिए हमें अधिक से अधिक जागरूकता फैलानी होगी।

और जनसंख्या वृद्धि को भी कम करना होगा।

हमें वन महोत्सव जैसे कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देना होगा

जिससे कि अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाए जा सकें।

वनों को बचाने का काम सिर्फ सरकार का ही नहीं, यह काम हम सभी का है।

क्योंकि जब तक हम स्वयं पेड़ नहीं लगाएंगे तब तक वन क्षेत्र नहीं बढ़ सकते।

और अवैध वनों की कटाई करने वाले लोगों के लिए सख्त कानून का निर्माण करना होगा।

सभी लोगों को पेड़ – पौधों के लाभ के बारे में जानकारी देना होगा,

जिससे कि वह सभी ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। तभी वन क्षेत्र को बचाया जा सकता है।

Van Mahotsav Essay in hindi

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